Tuesday, March 9, 2010

महिला बिल से जनता में डर है....

राज्यसभा में इतिहास रच गया... सात सांसदों को मार्शल ने बाहर निकाल दिया.... सिर्फ सात सांसद पिछले दो दिनों से राज्यसभा में राज कर रहे थे.... बाकी इन्हें देख रहे थे.... कुछ सांसद इससे सीख ले रहे होंगे.... तो कुछ पूरी कवायद को सीखने की कोशिश कर रहे होंगे.... लेकिन इतिहास रच चुका है.... सांसदों को बाहर निकालने का नहीं.... महिला बिल पास होने का.... इसके लिए पूरे देश की महिलाओं को बहुत बहुत बधाई.... लेकिन इस महिला बिल से आम जनता बहुत डरी हुई है..... कुछ उदाहरण तो मैं इसके जरूर दे सकता हूं.... और इसका सबसे बड़ा उदाहरण बिहार जैसे राज्य में महिलाओं को आरक्षण मिलना है.... बिहार में विकास पुरूष के नाम से अवतरित नीतीश कुमार ने महिलाओं को पंचायत में आरक्षण दिया.... महिलाएं पंचायत प्रमुख, मुखिया, प्रधान, सरपंच और पंचायत से संबंधित कई पदों पर पहुंच गईं.... लोगों का लगा बिहार में नारी शक्ति मजबूत हो गई है..... लेकिन इसका उदाहण देखने को नहीं मिला..... बिहार में लोग जब महिला मुखिया से मिलने जाते हैं.... तो मिलने आते हैं... मुखिया पति.... सरकारी बैठकों में महिलाओं के जगह उनके पति पहुंचते हैं.... उन्हें प्रधान पति कहा जाता है.... महिला मुखिया घर में खाना बनाती है..... और उनके पति बैठकों में हिस्सा लेते हैं... ये सच्चाई है.... बिहार में नरेगा का आधा से ज्यादा पैसे मुखिया जी के पति देव ले जाते हैं.... जिला परषिद में महिलाओं को मिले आरक्षण का भी यही हाल है..... क्या इस बात की गारंटी कोई ले सकता है कि विधानसभाओं, लोकसभा और राज्यसभा में ऐसा नहीं होगा..... क्या इस पुरुष प्रधान समाज में महिला अपने फैसले लेने के लिए आजाद है.... क्या ये सच नहीं है राबड़ी के फैसले लालू लेते हैं.... क्या महिलाओं में शिक्षा का स्तर इतना बढ़ चुका है कि उन्हें ये अधिकार दिया जाए.... लालू, मुलायम और शरद को दोष दे सकते हैं.... लेकिन उनको झुठलाया नहीं जा सकता है.....

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