Wednesday, January 27, 2010
दिल्ली चलो से.... दिल्ली मत आओ तक....
पिछले दिनों में कनॉट प्लेस गया था.... जिसे दिल्ली का दिल कहा जाता है.... इस दिल की सर्जरी की जा रही है... या यूं कहें की इसे सजाया सवांरा जा रहा है... कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए यानी अतिथियों के लिए इसे सुंदर बनाया जा रहा है.... लेकिन गौर करने वाली बात है कि कई मौके पर दिल्ली की मुख्यमंत्री लोगों से दिल्ली न आने को कह चुकी ...है.... वो देसी लोगों को ही बाहरी बता चुकी हैं... कई बार कह चुकी हैं... दिल्ली मत आओ...दिल्ली अब लोगों का स्वागत नहीं कर सकती है... इसलीए अतिथि संभल जाओ.... क्योकिं अब दिल्ली दिलवालों की नहीं रही....दिल्ली कैसे स्वागत करने वाली है इसके लिए तैयार हो जाओ....यहां उस प्यार का जिक्र भी जरूरी है .... जो किसी और को चाहता है... लेकिन वो प्यार किसी तीसरे से करता है..... यानी बिहार और पूर्वांचल के लोग दिल्ली को चाहते हैं... लेकिन दिल्ली है कि विदेशियों के लिए सज धज रही है... मुख्यमंत्री कई मौकों पर दिल्ली मत आओ का संदेश दे चुकी हैं.....यहां पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस के नारे का जिक्र भी जरूरी है... उन्होंने देश को आजाद कराने के लिए कहा था.... दिल्ली चलो..... और शीला जी कहतीं दिल्ली मत आओ.... शीला जी के नारे से लगता देश आजाद हो गया है.... और इसके साथ ही अतिथियों का सम्मान करने की परंपरा भी खत्म हो गई है.... जब अंग्रेज कनॉट प्लेस को बना रहे थे.... तो उस दौर नेताजी ने दिल्ली चलो का नारा दिया था.... पर अब जब भारत सरकार कनॉट प्लेस को सजा रही है... यी यूं कहें की फिर से तैयार कर रही है.... तो शीला जी कहती हैं दिल्ली मत आओ......
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एकदम जरुरी बकवास
ReplyDeleteबढीया लगी
प्रणाम स्वीकार करें
वाह! क्या बात है!
ReplyDeleteAchhee lagee ye 'zarooree bakwaas"!
ReplyDeleteBilkul zarooree hai!
ReplyDeleteSAHI KAHA aapne aakhir apna muh hai jo ji kiya kah diya .aasmaan pe rahne ke baad jamin ki koi nahi sochta.
ReplyDeleteKASHYAP-IANDPOLITICS.BLOGSPOT.COM
superb efforts
ReplyDeleteBlogjagat me swagat hai!
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